TOP SHIV CHAISA SECRETS

Top Shiv chaisa Secrets

Top Shiv chaisa Secrets

Blog Article

हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

शिव आरती

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

O Wonderful Lord, consort of Parvati That you are most merciful . You always bless the poor and pious devotees. Your beautiful variety is adorned Together with the moon in your forehead and on your ears are earrings of snakes' hood.

अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल Shiv chaisa सुजान।

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

Report this page